रेंट एग्रीमेंट केवल 11 महीने का ही क्यों होता है? इसके पीछे है ये खास वजह Rent Agreement Rules

Ravi Kishan
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Rent Agreement Rules: आजकल संपत्ति से जुड़े मामलों में कई विवाद सामने आते हैं, जिनमें से किराएदार और मकान मालिक के बीच के विवाद भी आम हैं। अक्सर यह विवाद रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) न कराने की वजह से होते हैं। अधिकतर लोग इस कानूनी दस्तावेज के महत्व को नहीं समझते और इसे नजरअंदाज कर देते हैं। रेंट एग्रीमेंट 11 महीने के लिए ही क्यों बनाया जाता है और इसके पीछे क्या कानूनी कारण हैं, इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे।

रेंट एग्रीमेंट क्या होता है?

रेंट एग्रीमेंट एक कानूनी दस्तावेज है, जो किराएदार और मकान मालिक के बीच समझौते को प्रमाणित करता है। इसमें किराए की राशि, किराए की अवधि, सुरक्षा राशि, मकान का उपयोग, मकान मालिक और किराएदार के अधिकार व दायित्व स्पष्ट किए जाते हैं। यह दस्तावेज दोनों पक्षों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है और किसी भी विवाद की स्थिति में कानूनी सहारा बनता है।

मकान मालिक के हितों की सुरक्षा

11 महीने का रेंट एग्रीमेंट मकान मालिक की सुरक्षा के लिए होता है। लंबे समय तक किराए का समझौता करने से कानूनी उलझनों की संभावना बढ़ जाती है। यदि किराएदार लंबे समय तक किसी प्रॉपर्टी में रहता है, तो वह संपत्ति पर अपना अधिकार जताने का दावा कर सकता है। इस तरह के विवादों से बचने के लिए मकान मालिक छोटे समय के एग्रीमेंट को प्राथमिकता देते हैं।

रेंट एग्रीमेंट और कानूनी रेजिस्ट्रैशन

1908 के रजिस्ट्रैशन कानून की धारा 17 के अनुसार, किसी भी संपत्ति को एक वर्ष से अधिक समय के लिए किराए पर देने के लिए एग्रीमेंट का रजिस्ट्रैशन अनिवार्य होता है। इसलिए, 11 महीने के रेंट एग्रीमेंट को रजिस्ट्रैशन से छूट मिलती है, जिससे मकान मालिक और किराएदार स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क बचा सकते हैं।

रजिस्ट्रैशन की प्रक्रिया और शुल्क बचत

यदि कोई रेंट एग्रीमेंट 12 महीने या उससे ज्यादा समय के लिए होता है, तो उसे सरकारी कार्यालय में रजिस्टर कराना जरूरी होता है। इससे बचने के लिए ज्यादातर मकान मालिक 11 महीने का एग्रीमेंट बनाते हैं। रजिस्ट्रेशन न कराने से स्टांप ड्यूटी और अन्य कानूनी शुल्कों से बचा जा सकता है।

दोनों पक्षों को क्या फायदा मिलता है?

रेंट एग्रीमेंट केवल मकान मालिक ही नहीं, बल्कि किराएदार के लिए भी फायदेमंद होता है। 11 महीने के एग्रीमेंट से किराएदार को यह सुविधा मिलती है कि यदि वह उस जगह पर रहना न चाहे, तो वह बिना किसी जटिल प्रक्रिया के आगे बढ़ सकता है। वहीं, मकान मालिक हर साल किराए में बदलाव कर सकता है।

नवीनीकरण प्रक्रिया कैसे होती है?

जब 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट समाप्त होता है, तो मकान मालिक और किराएदार इसे आपसी मंजूरी से आगे बढ़ा सकते हैं। इस प्रक्रिया में मकान मालिक किराए में 5-10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकता है और नए नियम शर्तें जोड़ सकता है।

कानूनी विवादों से बचने के लिए जरूरी है रेंट एग्रीमेंट

रेंट एग्रीमेंट न होने की स्थिति में, अगर किराएदार समय पर किराया नहीं देता या मकान खाली करने से इनकार कर देता है, तो मकान मालिक के पास कानूनी कार्रवाई करने का कोई ठोस आधार नहीं रहता। वहीं, किराएदार को भी सुरक्षा मिलती है कि मकान मालिक बिना किसी उचित कारण के उसे घर खाली करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।

रेंट एग्रीमेंट से जुड़ी मुख्य बातें

  1. समय सीमा: आमतौर पर 11 महीने के लिए होता है, जिससे रजिस्ट्रैशन प्रक्रिया की जरूरत नहीं पड़ती।
  2. स्टांप ड्यूटी: 12 महीने या उससे अधिक के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है, जिससे स्टांप ड्यूटी का खर्च बढ़ता है।
  3. विवाद समाधान: कानूनी विवाद होने पर यह दस्तावेज एक मजबूत प्रमाण के रूप में काम करता है।
  4. सिक्युरिटी: मकान मालिक किराएदार से सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में राशि रखता है, जो आमतौर पर 1-3 महीने के किराए के बराबर होती है।

क्या नोटरी से प्रमाणित रेंट एग्रीमेंट वैध होता है?

कई लोग रजिस्ट्रेशन कराने की जगह नोटरी से प्रमाणित रेंट एग्रीमेंट बनवा लेते हैं। यह कानूनी रूप से मान्य होता है, लेकिन यदि किसी तरह का बड़ा विवाद होता है, तो रजिस्टर्ड एग्रीमेंट की तुलना में इसकी वैधता कम मानी जाती है।

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