हरियाणा में इस गांव की सरपंच पर हुआ ऐक्शन, इस मामले के कारण किया सस्पेंड Haryana News

Ravi Kishan
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Haryana News: हरियाणा के झज्जर जिले में बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए डीसी प्रदीप दहिया ने बहादुरगढ़ के गांव छारा की सरपंच जया को सस्पेन्ड कर दिया है। सरपंच पर नियमों के विरुद्ध हद से ज्यादा जमीन पर चारदीवारी करवाने का आरोप है। इस मामले की जांच के लिए एडीसी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।

क्यों किया गया सरपंच को सस्पेन्ड?

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सरपंच जया पर लगे आरोप गंभीर हैं और नियमों का उल्लंघन हुआ है। सरकारी भूमि के मिसयूज और अनधिकृत निर्माण के आरोपों के चलते प्रशासन ने यह कड़ा कदम उठाया है। डीसी द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि जनहित को ध्यान में रखते हुए सरपंच का पद पर बने रहना उचित नहीं है।

नियमों के उल्लंघन का मामला

सूत्रों के अनुसार, गांव छारा की सरपंच जया ने सरकारी जमीन पर निर्धारित सीमा से अधिक चारदीवारी का निर्माण करवाया था। यह कार्य बिना किसी प्रशासनिक पर्मिशन के किया गया, जिससे स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों में रोष था। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए सरपंच को तुरंत प्रभाव से सस्पेन्ड कर दिया।

एडीसी करेंगे मामले की जांच

डीसी प्रदीप दहिया ने आदेश जारी करते हुए कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एडीसी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। अब एडीसी इस पूरे मामले की बारीकी से जांच करेंगे और रिपोर्ट तैयार करेंगे।

ग्राम पंचायत की प्रॉपर्टी सौंपने के आदेश

सस्पेन्ड सरपंच जया को निर्देश दिए गए हैं कि ग्राम पंचायत की जो भी चल/अचल प्रॉपर्टी उनके पास है, उसे नियमानुसार ग्राम पंचायत में बहुमत रखने वाले पंच को सौंप दिया जाए। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि इस प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए और पंचायत की प्रॉपर्टी का सही इस्तेमाल हो।

गांव में मिली-जुली प्रतिक्रिया

इस फैसले पर गांव के लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ लोगों का कहना है कि सरपंच जया द्वारा किए गए विकास कार्यों से गांव को फायदा हुआ, जबकि कुछ लोगों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का सपोर्ट किया है। ग्रामीणों का कहना है कि नियमों का पालन सभी को करना चाहिए और किसी को भी नियमों का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं है।

आगे क्या होगा?

अब यह देखना होगा कि जांच के बाद इस मामले में और क्या कदम उठाए जाते हैं। यदि सरपंच के खिलाफ आरोप सही साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ और सख्त कार्रवाई हो सकती है। दूसरी ओर, यदि जांच में आरोप गलत साबित होते हैं, तो उन्हें बहाल भी किया जा सकता है।

प्रशासनिक सख्ती से बढ़ी पारदर्शिता

हरियाणा सरकार ने पहले भी इस तरह के मामलों में सख्त रुख अपनाया है। प्रशासन की सख्ती से पंचायतों में पारदर्शिता बनी रहती है और भ्रष्टाचार पर रोक लगती है। ऐसे मामलों से जनता में यह संदेश जाता है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।

ग्राम पंचायतों में प्रशासन की सख्ती जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि पंचायतों में प्रशासन की सख्ती जरूरी है ताकि सरकारी योजनाओं और संसाधनों का सही उपयोग हो सके। इस तरह की कार्रवाई से भविष्य में किसी भी जनप्रतिनिधि को नियमों के खिलाफ जाने से पहले कई बार सोचना पड़ेगा।

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