प्रॉपर्टी डील करने वालों के लिए आई बड़ी खबर, ये बातें पता होगी तो नही होगी कोई दिक्क्त Consumer Rights

Ram Shyam
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Consumer Rights: आज जब देश में तेजी से शहरीकरण हो रहा है और लोग अपनी मेहनत की कमाई से घर या प्रॉपर्टी खरीदने का सपना पूरा कर रहे हैं, वहीं रियल एस्टेट सेक्टर में ठगी और धोखाधड़ी की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. आए दिन यह सुनने को मिलता है कि किसी ग्राहक को अधूरी जानकारी देकर गलत प्रॉपर्टी बेच दी गई या फिर समय पर कब्जा नहीं दिया गया. ऐसे में हर ग्राहक के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह अपने उपभोक्ता अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी रखे.

ज्ञान ही शक्ति है

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumer Rights Day) के मौके पर यह समझना बेहद जरूरी है कि एक ग्राहक के पास कानूनी रूप से कई ऐसे अधिकार हैं. जिनसे वह ठगी या धोखाधड़ी से बच सकता है. अगर ग्राहक को सही जानकारी होगी तो वह समय रहते ठगों से बच सकता है और कानूनी सहारा भी ले सकता है. इसलिए प्रॉपर्टी खरीदते समय सतर्क रहना और कानूनी अधिकारों को समझना बहुत जरूरी है.

जानकारी पाने का अधिकार

हर प्रॉपर्टी खरीदार को प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी पाने का अधिकार है. इसका मतलब है कि डेवलपर या प्रॉपर्टी बेचने वाला एजेंट आपको प्रॉपर्टी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी देने का कानूनी रूप से जिम्मेदार है. इसमें प्रॉपर्टी की टाइटल डीड, एन्कम्ब्रेन्स सर्टिफिकेट, मंजूरी की स्थिति, RERA पंजीकरण नंबर, कीमत, प्रोजेक्ट पूरा होने की समयसीमा और सुविधाएं शामिल हैं. अगर कोई एजेंट या बिल्डर इन जानकारियों को छुपाता है या अधूरी जानकारी देता है तो आप उसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं.

भ्रामक विज्ञापनों और गलत कीमत से बचाव

रियल एस्टेट सेक्टर में सबसे ज्यादा धोखाधड़ी भ्रामक विज्ञापनों और गलत कीमतों से होती है. कई बार बिल्डर विज्ञापनों में कम कीमत दिखाते हैं लेकिन बाद में पंजीकरण शुल्क, पार्किंग शुल्क और रखरखाव जैसे अतिरिक्त चार्ज जोड़ देते हैं. उपभोक्ता संरक्षण कानून और RERA एक्ट के तहत यह साफ कहा गया है कि डेवलपर को ग्राहक को पूरी और पारदर्शी कीमत बतानी होगी. अगर कोई बिल्डर भ्रामक विज्ञापन देता है या कीमतों में हेरफेर करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

RERA कानून से मिलता है मजबूत सुरक्षा कवच

रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट यानी RERA एक्ट, 2016, प्रॉपर्टी खरीदारों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच की तरह है. इसके तहत सभी प्रोजेक्ट्स का RERA में पंजीकरण होना जरूरी है. अगर कोई बिल्डर प्रोजेक्ट में देरी करता है, निर्माण की गुणवत्ता में कमी रखता है या फिर मंजूरी से हटकर निर्माण करता है तो ग्राहक RERA प्राधिकरण में जाकर शिकायत कर सकता है. इससे ग्राहक का पैसा और समय दोनों सुरक्षित रहते हैं.

समय पर कब्जा पाने का अधिकार

अक्सर प्रॉपर्टी डील में सबसे बड़ी समस्या समय पर कब्जा न मिलना होती है. कई बिल्डर प्रोजेक्ट की डेडलाइन बार-बार बढ़ाते रहते हैं जिससे खरीदार परेशान हो जाते हैं. लेकिन RERA के तहत ग्राहकों को समय पर कब्जा पाने का कानूनी अधिकार है. अगर बिल्डर कब्जा देने में देरी करता है तो ग्राहक मुआवजे की मांग कर सकता है या फिर अपना पैसा वापस ले सकता है.

अनुचित शर्तों के खिलाफ अधिकार

कई बार बिल्डर और एजेंट अनुबंध (Agreement) में एकतरफा और अनुचित शर्तें जोड़ देते हैं, जो ग्राहक के लिए नुकसानदेह होती हैं. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अनुसार, ग्राहक ऐसी अनुचित शर्तों को अदालत में चुनौती दे सकता है. इसलिए हर ग्राहक को अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से पहले उसकी सभी शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए और जरूरत पड़ने पर किसी वकील से सलाह लेनी चाहिए.

गुणवत्तापूर्ण और दोष-मुक्त प्रॉपर्टी का अधिकार

जब कोई ग्राहक किसी प्रॉपर्टी का कब्जा लेता है तो उसके पास गुणवत्तापूर्ण और बिना किसी निर्माण दोष के घर पाने का अधिकार होता है. अगर कब्जे के बाद प्रॉपर्टी में कोई संरचनात्मक खामी या निर्माण दोष निकलता है तो RERA के तहत बिल्डर को कब्जा मिलने के 5 साल के अंदर इन खामियों को सुधारना होगा. इससे ग्राहकों को खराब निर्माण से बचाने की व्यवस्था की गई है.

मुआवजा और धनवापसी का अधिकार

अगर बिल्डर ग्राहक को समय पर कब्जा नहीं देता या प्रोजेक्ट में वादा किए गए मानकों का पालन नहीं करता तो ग्राहक को मुआवजे और धनवापसी का अधिकार है. RERA एक्ट के तहत ग्राहक, बिल्डर से ब्याज सहित अपने पैसे की वापसी मांग सकता है या फिर कानूनी कार्रवाई कर सकता है. यह प्रावधान ग्राहक को आर्थिक नुकसान से बचाता है और बिल्डर पर जिम्मेदारी भी तय करता है.

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