पलवल और सोनीपत के बीच बिछाई जाएगी रेल्वे लाइन, इन जगहों पर बनाए जाएंगे स्टेशन New Railway Line

Ram Shyam
4 Min Read

New Railway Line: हरियाणा में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के ट्रैफिक दबाव को कम करने के उद्देश्य से 5,700 करोड़ रुपये की लागत से ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाने की योजना को धरातल पर उतारा जा रहा है. यह परियोजना न केवल यातायात को सुगम बनाएगी बल्कि हरियाणा के आर्थिक और औद्योगिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

सोनीपत से पलवल तक कनेक्टिविटी

ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (HRIDC) द्वारा किया जा रहा है. यह रेल कॉरिडोर सोनीपत से पलवल तक 126 किलोमीटर लंबा होगा और मानेसर क्षेत्र की यातायात व्यवस्था को नया आयाम देगा. परियोजना में सोनीपत, पलवल और मानेसर जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में व्यापार और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी.

माल ढुलाई में आएगी तेजी

इस रेल कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य माल परिवहन को सुगम और तेज बनाना है. परियोजना के तहत रोजाना 5 करोड़ टन तक माल ढुलाई की क्षमता होगी. इसके अलावा डबल स्टैक कंटेनर तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे भारी और बड़े कंटेनरों का परिवहन आसानी से हो सकेगा. यह तकनीक क्षेत्रीय व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को और अधिक प्रभावी बनाएगी.

क्षेत्रीय व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

इस रेल कॉरिडोर के माध्यम से हरियाणा के व्यापार और उद्योगों को नई रफ्तार मिलेगी. माल परिवहन की क्षमता में वृद्धि होने से व्यापारिक गतिविधियों का दायरा बढ़ेगा. साथ ही कनेक्टिविटी में सुधार होने से औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश के नए अवसर भी सृजित होंगे.

यात्री परिवहन में सुधार

यह रेल कॉरिडोर न केवल माल परिवहन के लिए बल्कि यात्रियों के लिए भी सुविधाजनक होगा. दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के यातायात को सुगम बनाने में यह परियोजना बड़ी भूमिका निभाएगी. यात्रियों को तेज, सुरक्षित और समय पर यात्रा की सुविधा मिलेगी.

कहां-कहां बनेंगे स्टेशन?

ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के तहत कई प्रमुख स्टेशन बनाए जाएंगे. जो हरियाणा के प्रमुख क्षेत्रों को आपस में जोड़ेंगे. इन स्टेशनों में शामिल हैं:

  • सोनीपत
  • तुर्कपुर
  • खरखौदा
  • जसौर खेड़ी
  • मांडौठी
  • बादली
  • देवरखाना
  • बाढ़सा
  • न्यू पातली
  • पंचगांव
  • IMT मानेसर
  • चंदला डूंगरवास
  • धुलावट
  • सोहना
  • सिलानी
  • न्यू पलवल

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र को मिलेगा लाभ

इस परियोजना के माध्यम से दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के यातायात दबाव को कम किया जाएगा. यह रेल कॉरिडोर विशेष रूप से उन यात्रियों और व्यापारियों के लिए लाभकारी साबित होगा, जो इन क्षेत्रों में नियमित यात्रा और व्यापार करते हैं.

परियोजना के तकनीकी पहलू

  • लंबाई: 126 किलोमीटर.
  • लागत: 5,700 करोड़ रुपये.
  • माल परिवहन क्षमता: रोजाना 5 करोड़ टन.
  • तकनीक: डबल स्टैक कंटेनर.
  • स्टेशन की संख्या: 16.

पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार

यह परियोजना न केवल औद्योगिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करेगी. रेलवे के माध्यम से माल परिवहन होने से सड़कों पर वाहनों का बोझ कम होगा, जिससे ईंधन की खपत और वायु प्रदूषण में कमी आएगी.

चुनौतियां और समाधान

प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में भूमि अधिग्रहण और वित्तीय प्रबंधन जैसी चुनौतियां हो सकती हैं. हालांकि सरकार ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी योजना बनाई है. सभी संबंधित विभागों के बीच समन्वय और आधुनिक तकनीकों का उपयोग इन समस्याओं का समाधान करने में मदद करेगा.

Share This Article