पर्सनल लोन नहीं भरने वालो पर क्या होगा बैंक एक्शन, लोन लेने से पहले जरूर जान लेना EMI Bounce

Ravi Kishan
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EMI Bounce: पर्सनल लोन कई बार वित्तीय आपातकाल में मददगार साबित होते हैं. हालांकि ये लोन अन्य लोनों की तुलना में उच्च ब्याज दरों के साथ आते हैं जिससे इनकी ईएमआई का भुगतान कई बार व्यक्ति के लिए चुनौतीपूर्ण हो जाता है.

क्रेडिट स्कोर पर असर

यदि व्यक्ति समय पर पर्सनल लोन की ईएमआई चुकता नहीं कर पाते, तो इसका सबसे नकारात्मक प्रभाव उनके क्रेडिट स्कोर (Credit Score) पर पड़ता है. एक बार जब क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है, तो व्यक्ति को भविष्य में नए लोन लेने में कठिनाई हो सकती है. यह स्थिति उन्हें वित्तीय संस्थानों की नजर में अविश्वसनीय (Unreliable Borrower) बना देती है.

कानूनी संभावनाएं और जेल की सजा

यदि लोन की ईएमआई समय पर नहीं चुकाई जाती है, तो बैंक या वित्तीय संस्थान कानूनी कार्रवाई (Legal Action) कर सकते हैं. इसमें लोनधारक के खिलाफ सिविल कोर्ट में मामला दर्ज करना और जब्ती या वेतन रोकने जैसी मांग करना शामिल है. जानबूझकर चुकाने में असफल रहने पर धारा 420 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, जिससे जेल की सजा भी हो सकती है.

बैंक द्वारा ब्याज वसूली के उपाय

ब्याज का समय पर भुगतान न करने पर बैंक रिकवरी एजेंसियों (Recovery Agencies) का सहारा लेते हैं, जो विभिन्न तरीकों से बकाया राशि की वसूली करती हैं. ये एजेंसियां ग्राहकों को बार-बार कॉल करके और यात्राएं करके पैसे वसूलने की कोशिश करती हैं, जिससे ग्राहकों को मानसिक तनाव हो सकता है.

आरबीआई की गाइडलाइंस और उपाय

आरबीआई ने पर्सनल लोन वसूली के लिए कड़े दिशानिर्देश (RBI Guidelines) जारी किए हैं, जिनके अनुसार लोन डिफॉल्टर्स को पहले नोटिस देना और सम्मानजनक व्यवहार बनाए रखना जरूरी है. यदि लोन चुकाने में असमर्थ हैं, तो बैंक से संपर्क करना और भुगतान विकल्पों में बदलाव की मांग करना उचित होगा.

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